भाग 7: भूलना… या भुला दिया जाना?आरव अब सिर्फ़ अपने सवालों से नहीं जूझ रहा था, बल्कि अपनी यादों से भी लड़ रहा था। अब समस्या यह नहीं रह गई थी कि सना कौन थी, बल्कि यह हो गई थी कि वो खुद कौन है? सुबह जब उसकी नींद टूटी, तो उसे लगा सब सामान्य है। नाम — आरव मेहता। उसे याद था। पर जैसे ही वो उठकर आईने के सामने खड़ा हुआ, एक अजीब सा खालीपन उसकी आँखों में उतर आया। उसने खुद से पूछा — “मैं कहाँ से आया हूँ? मेरा घर कहाँ है? मेरा कॉलेज कौन सा