(जब दिल के रिश्तों पर राज़ भारी पड़ने लगें...)---अनुज ने गुस्से में उसका कॉलर पकड़ लिया और दहाड़ा —"तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहन के करीब आने की??"एवी ने झटके से अनुज को धक्का दिया और अकड़ते हुए बोला —"अबे हट! मुझे तुझसे नहीं, तेरी बहन से काम है।"रात्रि ने बीच में आकर दोनों को अलग किया और गुस्से में पूछा —"क्या काम है तुम्हें मुझसे?"एवी का लहजा अब भी अकड़भरा था —"ऐसे नहीं, मुझे तुमसे अकेले में बात करनी है।"अनुज का गुस्सा और भड़क उठा। उसने एवी के चेहरे पर ज़ोरदार मुक्का जड़ दिया —"तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी