रिद्धि का भाग्य ने एक बार फिर उसे अपने भावनाओं को सही मायने में समझने का अवसर दिया। उनके प्रोफेसर ने प्रोजेक्ट के सिलसिले में उन दोनों को एक ही समूह में डाल दिया। रिद्धि डरने लगा। उसे लगा कि यदि प्रियम को उसकी किसी भी बात पसंद नहीं आयी तो वह उससे हमेशा के लिए दूर हो जाएगा। प्रियम धीरे से आकर रिद्धि के पास बैठा। रिद्धि एक पल के लिए अपना सुध-बुध खो दिया। उसके हाथ-पांव काँपने लगे। प्रियम ने पूछा, 'तुम्हारा नाम क्या है?' उसने जवाब दिया, 'रिद्धि'। वे दोनों काफी देर तक एक दूसरे के बारे