स्वर्गीय विद्रोह - 6

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ज्ञानदेव से अपने अतीत, अपनी वास्तविक पहचान और उस रहस्यमय 'च्यवन' के बारे में जानने के बाद, अग्निवंश के भीतर एक अप्रत्याशित ऊर्जा का संचार हुआ था. वह अब केवल एक प्रशिक्षित योद्धा नहीं था, बल्कि एक ऐसी आत्मा थी जिसने अपनी खोई हुई स्मृतियों की धुंध को चीरना शुरू कर दिया था. आर्यन का प्रतिशोध और अग्निवंश का अटूट विश्वास उसके हर नस में धधक रहा था, उसे एक अनजाने, फिर भी निश्चित मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा था. यह कोई सामान्य यात्रा नहीं थी; यह उसकी नियति का अगला, निर्णायक पड़ाव था, जहाँ उसे