भाग 1: पहली मुलाकात शहर की भीड़ में, कभी-कभी कुछ चेहरे ऐसे मिल जाते हैं जो बाकी सबको फीका कर देते हैं। ये मुलाकातें न प्लान होती हैं, न समझ आती हैं—बस दिल में उतर जाती हैं। आरव—एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर। दिन की शुरुआत कोड से और रात का अंत लैपटॉप की नीली स्क्रीन से होता था। उसका चेहरा शांत था, लेकिन उसकी आँखों में थकान और अधूरेपन की एक परत हमेशा दिखती थी। ऑफिस, क्लाइंट्स, मीटिंग्स—यही उसकी दुनिया थी। वो हँसता था, पर भीतर से अक्सर ख़ाली महसूस करता था। किताबें उसकी एकमात्र साथी थीं, और शायरी—उसके दिल की आवाज़।