अदिति को ढूंढना है.....अब आगे....................तक्ष हैरानी से पीछे मुड़ता है..... बबिता हाथ में चाय की ट्रे लिए खड़ी थी जैसे ही अदिति (तक्ष) के मुंह से आदित्य को मारने की बात सुनी तब उसके हाथ से ट्रे गिर जाती है...... बबिता अदिति के पास जाती है और उसको ध्यान से देखती हुई कहती हैं......" अदिति दी अभी क्या कहा आपने...आप साहब को मार देंगी ..... लेकिन वो तो आपके भाई है न...."अदिति (तक्ष) : हां तो....तू अपने काम से मतलब रखो....!अदिति के बिहेवियर को देखकर बबिता शक भरी नजरों से उसे देखती हुई पुछती है......." तुम अदिति दी नहीं हो...वो