तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 34

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क्या यह उसका अतीत था, जिसे उसने भुला दिया था? या फिर कोई अनदेखा सच, जो अब धीरे-धीरे सामने आ रहा था?तभी दरवाजे पर दस्तक हुई।अकिता ने झटके से सिर उठाया। उसकी सांसें अब भी उथल-पुथल में थीं।"कौन... कौन है?" उसने धीमी आवाज़ में पूछा।दरवाजा हल्के से खुला, और एक नर्स अंदर आई। "आप ठीक हैं, मिस अकिता?"अकिता ने कुछ पल उसे देखा, फिर धीरे से सिर हिलाया। "हाँ, बस... एक सपना था।"नर्स ने उसे थोड़ा पानी दिया और कहा, "आप बहुत परेशान लग रही हैं। अगर कोई परेशानी हो, तो डॉक्टर को बुला दूँ?"अकिता ने गहरी सांस ली और