एक सामान्य सुबहसर्दियों की सुबह थी। स्टेशन पर कोहरा छाया हुआ था।लोग अपने बैग और सपनों को लिए ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे।कहीं किसी के चाय के कप से भाप उठ रही थी,तो कहीं कोई स्टेशन की बेंच पर ऊँघता नजर आ रहा था।उन्हीं में एक औरत खड़ी थी — शाल में लिपटी हुई,और उसके साथ एक नन्हा बच्चा था — पाँच-छह साल का।बच्चे का नाम था आरव। मासूम आँखें, गोल सा चेहरा।उसने नीली टोपी पहन रखी थी, और हाथ में एक लाल कार थी। 2. स्टेशन की भीड़घंटा बजा, और ट्रेन के आने की घोषणा हुई।लोग अचानक तेज़ी