Super Hero Series – Part 10: “कुर्बानी की शुरुआत”हवा में कुछ अजीब था। मानो धरती की आत्मा कुछ कह रही हो, लेकिन कोई सुन नहीं पा रहा।अर्णव अब पहले जैसा नहीं रहा। वो अब जान चुका था कि उसके भीतर कोई ऐसी शक्ति है, जो न सिर्फ उसे, बल्कि पूरी दुनिया को बदल सकती है। लेकिन एक सवाल हर पल उसकी आत्मा को कचोटता था —“मैं कौन हूँ? और... किसका हूँ?”गाँव के एकांत जंगल में बैठा अर्णव ध्यान करने की कोशिश कर रहा था। पेड़ों की सरसराहट, पक्षियों की चीखें और जमीन की कंपन... जैसे प्रकृति खुद उसे कुछ समझाना