सोफी का संसार - भाग 9

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अफलातूनआत्म-जगत में लौटने की ललक...सोफी अगले दिन एक झटके के साथ उठी। उसने घड़ी पर नजर डाली। अभी मुश्किल से पाँच से थोड़ा ही अधिक समय होगा किन्तु वह ऐसे पूरी तरह से जग गई थी कि बिस्तर में उठ बैठी थी। वह ड्रेस क्यों पहने हुए थी? फिर उसे सब चीजें याद आईं।वह उठी और एक स्टूल पर बैठ गई और अलमारी के सबसे ऊपरी खन पर नजर दौड़ाई। हाँ-वहाँ पीछे की ओर, वीडियो कैसेट था। तो आखिर यह एक सपना नहीं था; कम-से-कम, सारा तो सपना नहीं था।किन्तु वह वास्तव में अफलातून और सुकरात से तो नहीं मिली