पेरिस में टाउलन की स्वतन्त्रता का समारोह मनाने के लिए एक विशेष आयोजन किया गया, जिससे नेपोलियन के नाम को जन-जन के मन में स्थान मिल गया। उत्तरी व पूर्वी सीमाओं पर प्राप्त सफलताओं के कारण नेपोलियन को ब्रिगेडियर से भी ऊपर, जनरल का पद दिया गया तथा उसके मुखिया ने उसे रणनीति के निर्माता के रूप में सम्मानित करते हुए उसकी बहुत सराहना की। उसने आश्चर्यजनक टिप्पणी करते हुए कहा : "यद्यपि सम्मेलन में उसे मामूली सम्मान दिया गया है, फिर भी वह सीमा पर सफल व्यूह-रचना कर लेता है।" इसी प्रकार प्रशस्तिपत्र में पांच अन्य युवा अधिकारी भी