खामोश शहर, बेचैन दिलपाली... एक छोटा सा शांत शहर, जहाँ ज़िंदगी तेज़ नहीं चलती — लेकिन कुछ लम्हे यहाँ भी ऐसे होते हैं जो वक्त से तेज़ दौड़ जाते हैं।अंकित, 24 साल का एक ग्राफिक डिज़ाइनर था, जो हाल ही में जयपुर से वापस पाली आया था।नया नहीं था शहर उसके लिए… लेकिन कुछ तो था, जो अब बदल गया था।शायद उसकी आंखों में वो सवाल था, जिसका जवाब वो ख़ुद नहीं जानता।हर शाम, अंकित अपनी स्कूटी से नगर पार्क जाता और एक ही बेंच पर बैठकर चुपचाप लोगों को निहारता।लेकिन एक दिन... वो आई।सफ़ेद सूट, खुले बाल, नीली चूड़ियाँ