काल कोठरी ---------(5) वक़्त कभी रुकता नहीं... चलता जाता है... ज़ब रोजा को उसने अफसाना सुनाया था, तो रोजा तो एक दम से काँप गई थी। उसने रात को कितनी दफा हनुमान चलीसा करने को कहा था।दो दिन बाद -----------------------सोस्याटी मे हलचल अधिक हो चुकी थी। हर कोई दीपक के घरकी और भाग रहा था। घटक कुछ हुआ नहीं था। पुलिस आयी थी। दीपक को साथ ले जाने को, समय 7 वजे सुबह। चाये भी नहीं पी थी। सुप्रडेंट ऑफ़ पुलिस के मुलाजिम थे। " देखिये पुलिस आपसे कुछ सवाल करने को आयी है। " ढूंढ रही थी दीपक की आँख घोसले