Part 8: "इंतज़ार की कीमत कौन तय करता है?"--- आरव की वापसी... और एक अनकहा अफसोस"मैं जानता हूं, मैंने तुम्हें उस वक़्त छोड़ दिया जब तुम्हें मेरी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी,"आरव की आंखों में पश्चाताप था।"तुमने सिर्फ मुझे नहीं छोड़ा था, आरव... तुमने हमारे बच्चे को भी छोड़ा था। वो सिर्फ दो दिन जी सका,"नायरा की आवाज़ कांप रही थी, लेकिन आंखें अब भी मज़बूत थीं।आरव चुप रहा। उसके पास कोई जवाब नहीं था।"और अब इतने सालों बाद अचानक आकर कहना कि तुम सबकुछ ठीक कर सकते हो... क्या ये आसान है तुम्हारे लिए?"नायरा का गुस्सा, दर्द और मजबूरी