Part 6: “रिश्ते कभी खाली हाथ नहीं आते…”> पिछले भाग में:रहान नायरा को ढूंढ़ते हुए मसूरी पहुंचता है।दोनों के बीच एक साइलेंट वादा होता है कि वो फिर से कोशिश करेंगे।लेकिन ये प्यार जितना साफ़ है, उतना ही नाज़ुक भी…---️ एक सवेरा... जो साफ़ था, लेकिन भीतर धुंध थीमसूरी की सर्द सुबह थी। बालकनी में दोनों साथ चाय पी रहे थे।रहान कुछ बोलना चाहता था, लेकिन नायरा की खामोशी उसे रोक रही थी।“तुम्हारे लौटने से मैं पूरी तरह ठीक नहीं हो जाऊंगी, रहान… लेकिन शायद, ठीक होने की शुरुआत ज़रूर हो सकती है,” नायरा ने पहली बार कुछ कहा।रहान