सजा या साथ? - 5

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Part 5: “कभी पास होकर भी बहुत दूर लगते हो तुम…”छत पर रहान के शब्द अब भी नायरा के ज़हन में गूंज रहे थे —> “मैं अब सिर्फ एक प्रोजेक्ट का पार्टनर नहीं रहना चाहता…”लेकिन जवाब देने से पहले ही रहान पलट गया था, जैसे डरता हो कि अगर ठहर गया तो सबकुछ बिखर जाएगा।वो रात चुपचाप गुज़र गई।लेकिन सुबह... सुबह कुछ भी वैसा नहीं था जैसा रहान ने सोचा था।---️ एक नई शुरुआत या नया दर्द?नायरा ऑफिस नहीं आई।ना कोई मैसेज, ना कॉल।रहान ने इंतज़ार किया, पूरे दिन। लेकिन हर बीतते मिनट के साथ उसकी बेचैनी बढ़ती गई।शायद