फोकटिया - 3

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 जब नक़ाब उतरता है(पुस्तक: फोकटिया | लेखक: धीरेन्द्र सिंह बिष्ट)“सच बोलने में ताक़त होती है,मगर डर उससे होता है जो झूठ की आदत में जीता है।”कमल को उम्मीद नहीं थी कि राजीव जवाब देगा।वो अब भी राजीव को उसी रूप में देख रहा था—चुप रहने वाला, सब कुछ सहने वाला, “ना” न कहने वाला। लेकिन इस बार कहानी पलट गई थी।जब राजीव ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएँ खुलकर रखीं और लोगों का समर्थन मिलने लगा, तो कमल को पहली बार एहसास हुआ—अब खेल उसके हाथ से फिसल चुका है।धीरे-धीरे सब कुछ साफ़ होता गयाराजीव ने कहीं भी कमल का