बात अब सिर्फ दोस्ती की नहीं रही(पुस्तक: फोकटिया | लेखक: धीरेन्द्र सिंह बिष्ट)“हर रिश्ता निभाना ज़रूरी नहीं,कुछ को छोड़ना ही खुद से वफ़ा होती है।”— धीरेन्द्र सिंह बिष्टराजीव ने जब कमल से दूरी बनाई, तो उसका इरादा बदला लेने का नहीं था। वह बस थक गया था—हर बार देने से, हर बार उम्मीद करने से कि शायद इस बार कमल कुछ बदलेगा। अब वह सिर्फ अपनी मानसिक शांति चाहता था।लेकिन कमल को यह दूरी समझ नहीं आई। उसकी आदत थी कि लोग उसके आसपास रहें, उसके हिसाब से चलें, और अगर वह कुछ न भी दे, तो भी उसे सब