एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 7

फ्लैशबैक – तीन साल पहले  सेंट फ्रैंक कॉलेजकॉरिडोर की दीवार से चुपचाप सिर टिकाए एक दुबली-पतली सी लड़की खड़ी थी — रिद्धि।उसके हाथ में किताबें थीं, लेकिन निगाहें ज़मीन पर थीं।कपड़े सलीके के, मगर आत्मविश्वास बिलकुल नहीं…किसी की भी नज़रों से बचती-बचाती क्लास में घुसती और सबके बाहर निकलने के बाद ही बाहर आती।वो अक्सर लड़कियों के एक ग्रुप से डरती थी —अपरणा, श्वेता और ऋतिका।हर रोज़ उसके कपड़ों का मज़ाक उड़ता…"ओये रिद्धि! आज तो तू फुल आंटी लग रही है!""तेरी आवाज़ सुनके लग रहा जैसे पुरानी रेडियो बज रही हो...""किताबें पढ़ने से इंसान बनती है, फैशन से लड़की!"रिद्धि के