कहते हैं, इतिहास कभी पूरी तरह ख़त्म नहीं होता। कुछ कहानियाँ दीवारों में कैद रह जाती हैं । और कुछ आत्माएँ… अधूरी रहकर भी अमर हो जाती हैं। "काला पानी" — एक ऐसा नाम, जिसे सुनते ही आज भी दिल सिहर उठता है। कभी यह स्थान स्वतंत्रता सेनानियों की यातना का प्रतीक था, और आज यह इतिहास का एक मूक स्मारक बन चुका है। पर कुछ स्मारक केवल देखने के लिए नहीं होते — कुछ के पास अब भी कहने को बहुत कुछ होता है। आरव राघव, 28 वर्षीय लेखक, इतिहास और रहस्य की कहानियों को खोजकर लिखता था। उसने अपने