२. परग्रही आँखें ग्यारह साल पहले… महान शैलवंती साम्राज्य कई युद्ध का सामना कर चूका था। शैलवंति के मुख्य द्वार के आगे की रणभूमि कई खेले जाने वाले युद्ध की गवाही देती थी। रणभूमि के उस पार गाढ़ जंगल हमेशा अटूट निंद्रा में सोया रहता था। असंख्य युद्ध के समय अपनी अटूट निद्रा को तोड़ कर उठ बैठता था। असंख्य हमलों को झेलने के बाद शैलवंती काफ़ी मजबूत हो गया था। उनकी दीवार ऊँची और मजबूत थी, जिसे भेदना दुश्मनों के लिए चींटी के पैर से हाथी को कुचलने जैसी बात थी। तीन हिस्सों में बटी