क्या यह उचित होगा।और लीला गहरे सोच में पड़ गयी।अरुण बोला"माँ अगर तू चाहेगी तो तेरी पसन्द की लड़की से शादी कर लूंगा।""और सोच की दुनिया से बाहर निकलते हुए लीला बोली,"मैं तेरी माँ हूं, लेकिन एक औरत भी हूँ जो तुंमने किया वह गलत था।शादी से पहले किसी लड़की से---उसे भी सोचना चाहिये था।""माँ, अरुणा की इसमें कोई गलती नही है।उसने तो, मुझे बहुत मना किया था, पर मैं हीअरुण को अपने किये पर पश्चाताप हो रहा था।"अब पश्चाताप करने से क्या फायदा।जो करना था वह तो तुम कर चुके हो।अब इसके कोई मायने नही की गलती उसकी थी