काल कोठरी----------(3) धारावाहिक।सच्ची घटनो पर आधारित ये उपन्यास की तीसरी कड़ी.... आग वही लगती है यहां कुछ पहले से सुलगता हो... जगल से गुज़र गए तो जिंदा आ गए उसकी रहमत के सिवा कुछ नहीं होगा। नाग से दोस्ती कौन रखते है, जो या तो खुद जहरीले हो या फिर मौत आयी हो। कुछ नहीं समझे होंगे आप लोग... जानता हूं। चलो देखे आगे डाबे को ------दो चाये टेबल पर आ गयी.... फिर दीपक बोला " सर आप सच मानेगे या नहीं, मै नहीं जानता। " घोसले बोले ----" कुछ बोलोगे फिर ही कहुगा। " दीपक ने बात शुरू से