टाम ज़िंदा है --------- 10 वा धारावाहिक ------------ पिता चुप था, उसका पुत्र उसके सामने उसे ही घूर रहा था। पिता स्नेह मे था... एक प्यार मे था, एक हल्की मुस्कान मे था... पुत्र के लिए पिता सब कर सकता है, बस पुत्र को पता हो... वो कया कर रहा है। ज़ब पुत्र को पता ही नहीं होगा तो पिता का करना फिजूल हुआ, जनाब ------ समझो, समझने के लिए यहां कायदे की जरूरत नहीं... भावकता चाहिए, बस भावक्ता और कुछ नहीं। आज पिता त्रिपाठी आपने बेटे को देख रहा था, जो दो मिनट भी चुप नहीं बैठता था... आज आधे घंटे