आदित्य को मरना होगा.....अब आगे......................अदिति (तक्ष) गुस्से में हाथ छुड़ाती है और विवेक से कहती हैं..." दोबारा मत छुना मुझे.... मुझे तुम्हारी शक्ल भी नहीं देखनी....जाओ श्रुति के पास..." अदिति से बार यही बात सुनकर विवेक गुस्से में कहता है....." तुम्हें वीडियो क्लिप भी झुठी लगी , जो तुम बार बार श्रुति श्रुति कर रही हो....." नहीं आऊंगा तुम्हारे सामने बस ..... अदिति (तक्ष) जाते हुए कहती हैं..." वहीं तुम्हारे लिए अच्छा होगा....."ये बात तक्ष ने बहुत धीरे कहीं थी इसलिए विवेक उसे नहीं सुन पाया...अदिति के अचानक ऐसे जानें से कंचन उसे देखते हुए कहती हैं....." इसके बिहेवियर में