Chapter 8: जब बातों में छुपा प्यार सूरज धीरे-धीरे ढल रहा था, और काव्या की बालकनी से दिखती उस नारंगी शाम में कुछ खास जादू था। आरव वहीं बैठा था, हाथ में कॉफी का मग और सामने लैपटॉप पर खुला स्क्रीनप्ले। पर आज उनकी बातें स्क्रिप्ट से ज़्यादा दिल से हो रही थीं। “तेरे डायलॉग्स में गहराई तो है, लेकिन ज़रा कम मसाला है,” काव्या ने हँसते हुए कहा। आरव मुस्कुराया, “तेरे जैसे तड़के की तो मेरी कहानियों में कोई जगह ही नहीं थी पहले।” “अब है?” उसने आँखें तरेरी। “अब हर सीन में है,” उसने सीधा उसकी आँखों