गोमती तुम बहती रहना - 14

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   राग  सदा ऊपर को उठता ,आँसू नीचे झर  जाते हैं !                            पाठकों जैसा आप सभी जानते हैं कि गोपाल दास “नीरज “ हिन्दी काव्य जगत  के महानतम  गीतकार रहे हैं |प्रेम हो या विरह ,सुख हो या दुख मनुष्य जीवन की सभी  विधाओं पर सटीक शब्दों की काव्यमय माला श्रोताओं को पहना देना उनका काव्यमय तिलस्म  रहा है| उनका एक प्रसिद्ध गीत है -“स्वप्न झरे फूल से , गीत चुभे शूल  से,लुट  गए सिंगार सभी बाग  के बबूल से | और हम खड़े खड़े बहार देखते  रहे