में और मेरे अहसास - 128

सफ़र का मजा सफ़र का मजा उठाते रहो l जी भर मस्ती लुटाते रहो ll   मनचाहे हमसफ़र के साथ l प्यारे लम्हों को सजाते रहो ll   मदमस्त रूमानी फिझाओ में l जन्नत सी खुशी मनाते रहो ll   सफ़र का लुफ्त लेते हुए सखी l आज नशीली यादें बनाते रहो ll   हाथ पकड़ा है तो आख़िर तक l जिन्दगी में साथ निभाते रहो ll १-६-२०२५  सत्य सत्य बोलने के लिए हौसलों की जरूरत पड़ती हैं l दिल खोलने के लिए हौसलों की जरूरत पड़ती हैं ll   बड़ी जिगर चाहिए सत्य का सामना करने की तो  जूठ