स्वर्गीय विद्रोह - 5

ज्ञानदेव से अपने अतीत और नियति के बारे में जानने के बाद, अग्निवंश के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार हुआ था. आर्यन के प्रतिशोध की ज्वाला अब उसके हर अभ्यास, हर विचार में धधक रही थी. दिन, हफ्तों में और हफ्ते महीनों में बदल गए, और अग्निवंश ने अपनी शक्तियों को और अधिक निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वह जानता था कि अमरपुरी के देवों का सामना करना आसान नहीं होगा, और इसके लिए उसे अपनी हर शक्ति को उच्चतम स्तर पर ले जाना होगा.नित्य अभ्यास और भीतर का मंथनहर सुबह, सूर्योदय से पहले, अग्निवंश अपनी तलवार के