"क्या किसी इंसान की दोहरी पर्सनैलिटी भी हो सकती है...?कोई इतना अलग भी हो सकता है...?"प्रकृति की रात इन्हीं सवालों की चुप खामोशी में बीती।---अगली सुबह – रघुवंशी मीडियाजैसे ही प्रकृति ऑफिस पहुंचती है, सामने वही लड़का खड़ा होता है — सर्द आँखों और तल्ख आवाज़ के साथ:"Miss Prakriti Sharma, you're late! Ye office hai apke ghar ka garden nahi..."उसके लहजे में ठंडापन कम, और कोई पुराना ज़ख्म ज़्यादा झलक रहा था —मानो वो किसी और पर नहीं, खुद पर गुस्सा हो।"I'm sorry sir, I'll be on time from tomorrow."प्रकृति ने बेहद शांत लहजे में जवाब दिया और अपनी फाइल्स