हर सुबह स्टेशन पर मिलती थी वो… पर एक दिन कुछ ऐसा कहा कि सब बदल गया - 3

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"हर सुबह स्टेशन पर मिलती थी वो… पर एक दिन कुछ ऐसा कहा कि सब बदल गया"   Episode 3 — “प्लेटफॉर्म नंबर 5”   एक किताब, एक लाइन, और एक सुबह — जो आरव की जिंदगी बदलने वाली थी। रात की नींद छिन चुकी थी। किताब बार-बार खोलता, पढ़ता, और नेहा की हैंडराइटिंग को तकता। "क्यों आती थी हर सुबह?" इस सवाल ने पूरी रात बेचैन रखा। सुबह – 8:40 AM स्टेशन की भीड़ रोज़ जैसी थी, पर मेरे दिल की धड़कन कुछ अलग थी। "आज वो आएगी…" मैं बार-बार खुद से कह रहा था। 8:55 AM