कुछ दिन बीते…रुशाली और मयूर सर के बीच अब एक अजीब सी मगर प्यारी सी दोस्ती पनपने लगी थी।वो जो पहले सिर्फ सर और इंटर्न का रिश्ता था, अब उसमें अपनापन घुलने लगा था।कभी हँसी-मज़ाक… तो कभी छुपी नज़रों की बातचीत।और हाँ, रुशाली की शरारतें भी अब मयूर सर को मुस्कुराने पर मजबूर कर देती थीं।1st जुलाई — डॉक्टर डे।आज की सुबह कुछ अलग थी।रुशाली ने अपना फेवरेट कलर — सफेद पहन रखा था।सफेद कुर्ता, सिंपल मगर शालीन… उसके चेहरे पर एक अलग ही आत्मविश्वास छलक रहा था। जब तुम अपने फेवरिट कपड़े पहनते हो,तो दिल भी आईने जैसा साफ़ लगने