Part 1: आसमान के उस पाररात का वक़्त था। शहर की रौशनी धीरे-धीरे बुझ रही थी और आसमान तारों से भरने लगा था। पर किसी एक तारे पर नज़र टिक गई — आरव की।वहीं दूसरी तरफ, एक पहाड़ी गांव में, चाय की दुकान पर बैठी थी आयरा। वो किताबों में खोई रहती, आसमान की बातें करती और हर रात एक खास तारे को देख मुस्कुरा देती।उसे क्या पता था कि जिस तारे को वो देखती है, वही कोई लड़का दूसरी दुनिया में भी उसी तारे से उससे जुड़ रहा है।Part 2: पहली बार… सपने मेंएक रात आयरा को सपना आया—वो