फिर बादल भी अपने कमरे के अंदर ही रूककर उस शख्स की अगली हरकत पर नजरे गड़ाए बैठा था. लेकीन उसके बाद वह शख्स एकपल के लीये भी बाहर नहीं नीकला, फिर भी बादल रात होने के बावजूद बीच बीच में उस शख्स के फ्लैट की तरफ देखता रहा और थक हार कर सो गया. उसके बाद फिर कुछ दीन यूँ ही गुजरते गये बादल और ज़ेबा अपनी अपनी बालकनी में आकर एकदूसरे। को देखते हुये अपने दिल को तसल्ली देते रहे. जेबा जो पहले बादल के प्रती आकर्षण रखती थी लेकिन कुछ कर नहीं पाती थी. वहीं ज़ेबा आज