-------------------------" नील...नील कहा खोए हो ? " प्रिशा नील को आवाज देते हुए बोली जो कहीं खोया हुआ था ।प्रिशा के हिलाने से नील जैसे नींद से जागा हो । वो हड़बड़ाकर बोला ,," कही.. क.. ही नहीं खोया मैं ..! "प्रिशा उसे घूर कर देखती है तो नील अपनी नजरें चुराने लगता है । " तुम एक बार फिर सर्जरी के बारे में सोच रहे ना । नील....!!! कितनी बार कहा है सब सही होगा क्यो इतना परेशान होते हो । "" तुम नहीं समझती और ना ही समझ सकती हो क्योंकि तुम्हें अपनी मौत का इंतजार जो नहीं करना