टाम ज़िंदा है -------(9) धारावाहिक मिलते किसी की झोली मे फुल तो किसी की झोली मे खार... जान सकते हो, कयो होता है ऐसा, कर्मो के फल नतीजे होते है। नतीजे रब की दरगाह से आते है संदेश बन कर, किसी को इसका पता चलता है किसी को नहीं...इंडिगेटर वो सब को ही देता है। पहले कया होगा यही मालूम किसी किसी को होता है।आज के जमाने मे भी जूती पालिश वाला जूती पालिश कर रहा था, कयोकि घर मे चार ज़ी भूखे खाने को थे। अब कया करता... जूती पालिश छोड़ कर।और कया करे।1985 साल का महीना फ़रवरी का अंत