पतझड़ के बाद - एक सच्चा इंतजार - 2

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रित्विक के जाने के बाद कमरे में जैसे सब कुछ ठहर गया था। आरवी उस दरवाजे को देर तक देखती रही जहां से रित्विक निकला था - बिना जबाव दिए, बिना कोई वादा किए। वो पल, जो एक सपने जैसा लग रहा था, अब एक अधूरी कहानी बन चुकी थी। वो नही जानती थी कि रित्विक लौटेगा भी या नहीं,  पर दिल ने ठान लिया था... कि इंतजार तो करना ही होगा। समय बीत रहा था, लेकिन की लम्हें आज भी वहीं रुके थे। आरवी अब पहले जैसी नही थी। वो अब एक मां थी,  एक लेखिका थी, और अब...