बेपनाह प्यार - 2

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एक दिन फिर वो दोनों रास्ते काटते हुए एक-दूसरे के सामने आ गए। रिद्धि जा रही थी लाइब्रेरी में। प्रियम का रास्ता अलग था, लेकिन किस्मत ने भेजा एक फरिश्ते को उनकी बेरंगी कहानी में प्यार की रंग देने के लिए। प्रियम को किसी ने पीछे से बुलाया। वो था उसका दोस्त अंकित। उसने प्रियम के हाथ में एक किताब दी जो रिद्धि की थी। उसने प्रियम से मदद मांगी कि वह रिद्धि को वो किताब दिखाकर आए।प्रियम पहले थोड़ा घबराया हुआ था, लेकिन फिर वह चला गया रिद्धि को उसकी किताब लौटाने। रिद्धि किताबों की दुनिया में इतनी खोई