मीरा मैम और उनका शरारती कृष्ण(एक अनकही मोहब्बत की मनोवैज्ञानिक प्रेमगाथा)“क्लास में ध्यान दीजिए... Psychology isn’t about reading minds, it’s about understanding them.”मीरा ने बोर्ड की तरफ पीठ करके जैसे ही बोलना शुरू किया, एक आवाज़ हल्के से फुसफुसाई —“But I only want to understand your heart, Ma’am.”पूरा क्लास सन्न... मीरा ने पलट कर देखा। चेहरा गंभीर था, पर आँखों में हल्की मुस्कान छिपी थी।"कृष्ण...", उसने नाम लिया।वो मुस्कुरा कर बोला —“Present, Ma’am.”पूरा क्लास हँस पड़ा।मीरा जी 26 साल की थीं। बेहद पढ़ी-लिखी, शांत, और सौम्य। साइकोलॉजी में गोल्ड मेडलिस्ट। मगर कुछ महीने पहले ही कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया