स्वयंवधू - 54

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ड्रामासमीर अंदर गया और बिना किसी भावना के बच्चे को हवा में उठा लिया।वृषाली ने बच्चे की बोतल पकड़ लिया ताकि ज़रूरत पड़ने पर उस पर हमला कर सके, राहुल ने ज़रूरत पड़ने पर लड़ने के लिए अपना हाथ मुट्ठी में बाँध ली थी।वे बेचैनी से किसी घटना के घटने का इंतजार कर रहे थे। तीस सेकंड, जो अनंत काल की तरह लग रहा था, उसके बाद सीमर के होठों ने कहा, "क्या तुम हो...मेरे पोते?",उसके आवाज़ में स्नेह किसी नए प्लान का आगाज़ दे रही थी।समीर के हाथ उस बच्चे की गर्दन की तरफ जा रहे थे।उसे देख वृषाली