प्यार की वो पहली शुरुआत— Part 2"जहां शब्द नहीं, सिर्फ एहसास बोलते हैं....उस दिन गर्मी के मौसम में तेज बारिश हो रही थी।दिल्ली की सड़कों पर गाड़ियों की आवाज़ें भी गूंज रही थीं, और मेरी खिड़की के बाहर टपकती बूंदों में बस एक ही नाम गूंज रहा था — शानवीवो हर पल मेरे ख्यालों में बसती जा रही थी मै हर पल उसकी यादों में डूबा हुआं था।मैंने उसके नाम की कोई डायरी नहीं बनाई थी,लेकिन मेरे हर लफ्ज़, हर कविता में अब वो बस उसी के लिए होती थीं।उस रात बहुत सोचने के बाद,मैंने पहली बार दिल से एक