एपिसोड 2: आईना जो झूठ नहीं बोलता अंधेरा। ठंड। और एक ऐसा सन्नाटा, जिसमें साँसों की आवाज़ भी भारी लगती है। आरव नीचे बने उस रहस्यमयी कमरे में फँस चुका था। दीवारों पर बड़े-बड़े शीशे लगे थे। लेकिन उनमें सिर्फ़ उसका प्रतिबिंब नहीं था — उनमें वो दृश्य दिखाई दे रहे थे जो कभी घटे ही नहीं थे, या शायद होने वाले थे। वो पीछे मुड़ा तो सीढ़ियों का रास्ता गायब था। तेरहवाँ दरवाज़ा अब पत्थर बन चुका था। आईनों की दुनियाएक-एक कर वो सभी आईनों को देखने लगा। पहला आईना — उसका अतीत दिखा रहा था। वो बच्चा बना