रात का समय था । वो अपने बिस्तर पर बैठी थी । उसकी गोद मे एक गुडिया थी । वो उसके बालो मे हाथ फेर रही थी । उसने अपनी दाई तरफ देखा तो उसके कमरे कि खिडकी खुली तो और आधा चांद वहां से झांक रहा था । ठंड का मौसम था और हवाएं चल रही थी । लगता है बारिश होगी । उसने अपनी गुडिया की तरफ देखा और अजीब तरह से मुस्कुराई। " बारिश आने वाली है लेकिन तुम सो जाओ! मै तुम्हे ठंड नही लगने दुंगी । ", उसने गुडिया का हर सहलाते हुए कहा । और