तेरी मेरी खामोशियां। - 13

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सुल्तान मेंशन – नीचे हॉल में सब नाश्ते में मशगूल थे।अमन तेज़ क़दमों से सीढ़ियाँ उतरता हुआ नीचे आया। उसकी आँखों में गुस्सा था और चाल में बेचैनी। सानिया, रुकसाना, रूबी सब उसकी आहट से चौकन्ना हो गए।नजमा बेगम ने हैरानी से देखा, “क्या हुआ अमन? इस वक़्त इतनी जल्दी—बहु के साथ नाश्ता नहीं किया?”अमन ने बिना देखे जवाब दिया, आवाज़ ठंडी और सीधी: “मैं किसी के साथ खाना खाने का आदी नहीं हूँ।”हॉल में अचानक एक अजीब सी ख़ामोशी छा गई।रूबी ने माहौल हल्का करने को मुस्कराकर कहा, “अरे भाई, भाभी पहली बार आई हैं… थोड़ा तो तमीज़—”अमन की