तू ही मेरी आशिकी - 11

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रात का वक्त था।स्टूडियो की सारी रिकॉर्डिंग्स खत्म हो चुकी थीं।मारिया अपना सामान समेट रही थी कि तभी सामने से मीर आया आज कुछ अलग था उसकी चाल में, उसकी आँखों में।एक गर्मी... एक मासूम सा आग्रह।मीर ने जेब से एक छोटा-सा कार्ड निकाला,और बड़ी नरमी से मारिया की ओर बढ़ाया।उस पर बस इतना लिखा था:"डिनर विद मी?"मारिया ने कार्ड पढ़ते हुए शरारत भरी नज़रों से मीर को देखा।उसकी आँखों में जैसे चाँदनी उतर आई हो।हौले से मुस्कुराई, फिर गर्दन झुकाकर धीरे से हामी भर दी।"अभी?"मारिया ने पूछा, उसकी आवाज़ खुद उसके धड़कते दिल से लरज रही थी।"हाँ, अभी,"मीर ने कहा,"बस