स्वर्गीय विद्रोह - 3

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 - "अग्निवंश का प्रशिक्षण: शक्ति का संतुलन"(आवाज़: पहले से थोड़ी अधिक दृढ़ और आशावान, लेकिन फिर भी नियति की गहराई लिए हुए)विराज लोक के शांत वातावरण में, ज्ञानदेव के आश्रम में अग्निवंश का प्रशिक्षण शुरू हुआ. यह प्रशिक्षण केवल शारीरिक कौशल का नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक अनुशासन का भी था. ज्ञानदेव ने अग्निवंश को सिखाया कि सच्ची शक्ति विनाश में नहीं, बल्कि संतुलन में निहित है.शक्ति का आंतरिक स्रोतज्ञानदेव ने अग्निवंश को ध्यान की गहराइयों में उतरना सिखाया, जहाँ वह अपनी आंतरिक ऊर्जा और ब्रह्मांडीय शक्तियों के साथ जुड़ सके. शुरुआत में, अग्निवंश को अपनी अनियंत्रित शक्तियों को शांत