सोफी का संसार - भाग 5

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डिमॉक्रिटसदुनिया का सबसे कुशल खिलौना...सोफी ने अज्ञात दार्शनिक से प्राप्त सारे टाइप किए हुए पन्ने अपने विस्किटवाले डिब्बे में वापस रख दिए और उसका ढक्कन बन्द कर दिया। वह रेंगती हुई अपनी माँद से बाहर आई और थोड़ी देर खड़ी रह कर बाग में दूर दूसरे छोर तक देखा। उसने थोड़ी देर इस पर विचार किया कि कल क्या हुआ था। उसकी माँ ने सबेरे नाश्ता लेते समय फिर 'प्रेम-पत्र' की बात कहकर उसे चिढ़ाया था। वह जल्दी से चलकर मेल-बॉक्स तक पहुँची ताकि उस दुर्घटना से बच सके जो उसके साथ कल हुई थी। यदि दो दिन बराबर प्रेम-पत्र