कुलधरा की रात

  • 573
  • 186

भाग 1: वह गाँव जो थम गया थाराजस्थान की तपती रेत पर शाम उतर रही थी। दूर-दूर तक फैली बंजर ज़मीन और उसके बीच खड़ा वह वीरान गाँव—कुलधरा—मानो सदियों से समय के थपेड़े सह रहा हो।आयुष, एक युवा पुरातत्वविद्, दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएच.डी. कर रहा था। उसने सुना था कि कुलधरा में कुछ ऐसा छुपा है जो इतिहास की किताबों में नहीं लिखा गया। एक रहस्य... एक आत्मा... या शायद एक प्रेम।आयुष अपने कैमरे, डायरी और स्लीपिंग बैग के साथ गाँव में दाखिल हुआ। उसके साथ उसकी रिसर्च पार्टनर रिया, एक जर्नलिस्ट थी जो रहस्यमयी जगहों पर डॉक्यूमेंट्री बनाती थी।जैसे