यादों की मशीन

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भाग 1: एक वैज्ञानिक की तन्हाईसाल 2098।डॉ. अरनव सिंह, एक 45 साल के अकेले वैज्ञानिक, जो चंद्रमा पर बने एक रिसर्च स्टेशन में काम कर रहे थे। ज़मीन से हज़ारों किलोमीटर दूर, उनके पास केवल मशीनें थीं — और उनकी कुछ पुरानी यादें।उनकी पत्नी 'नैना' 10 साल पहले एक सड़क हादसे में गुजर चुकी थी। लेकिन डॉ. अरनव ने उसे कभी भुलाया नहीं। उस दिन से, उन्होंने अपने सारे शोध सिर्फ एक मिशन पर केंद्रित कर दिए — "यादों को दोबारा जीना"।भाग 2: मशीन जो यादों में ले जाएउन्होंने एक मशीन बनाई — "Memory Recaller 9X"। ये मशीन मस्तिष्क की