संजना ने तुरंत दरवाजा बंद कर लिया और हर्षवर्धन की ओर देखने लगी।"यह किसने दिया?" हर्षवर्धन फुसफुसाया।"मुझे नहीं पता," संजना ने घबराई हुई आवाज़ में कहा। "मैंने जब दरवाज़ा खोला, तो बाहर कोई नहीं था।"हर्षवर्धन कुछ सोचने लगा। उसकी आँखों में हल्की बेचैनी थी।"हमें यहाँ से निकलना होगा," उसने धीरे से कहा।"क्या?" संजना चौंक गई।"हाँ, अगर किसी को पता चल गया कि तुम यहाँ हो, तो वे तुम्हें मार डालेंगे।"संजना के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।"पर... पर तुम तो खुद मुझे किडनैप करके लाए थे!"हर्षवर्धन ने गहरी सांस ली और कहा, "मैंने तुम्हें यहाँ कैद किया था, मगर मारने के